Header Ads

बासी चावल खाने के फायदे: आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से

  बासी चावल खाने के फायदे: आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से

भारत की परंपराओं में भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं रहा, बल्कि शरीर और मन को संतुलित करने का एक विज्ञान भी रहा है। इन्हीं परंपराओं में से एक है बासी चावल (पखाल भात, पेज, पंथी भात, फेणी भात) खाने की परंपरा।
रातभर पानी में भीगे हुए चावल को सुबह नमक, प्याज, दही या कभी-कभी अचार के साथ खाया जाता है। आधुनिक विज्ञान इसे Natural Probiotic Food मानता है जबकि आयुर्वेद इसे शीतल, पाचन को संतुलित करने वाला और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला भोजन बताता है।


आयुर्वेदिक दृष्टि से बासी चावल

आयुर्वेद के अनुसार भोजन के गुण उसके रस (स्वाद), गुण (प्रकृति), वीर्य (ऊर्जा प्रभाव) और विपाक (पाचन के बाद का प्रभाव) से तय होते हैं।

रस (स्वाद): मृदु, हल्का खट्टापन (फर्मेंटेशन से)

गुण (प्रकृति): शीतल, स्निग्ध, गुरु

वीर्य: शीतल

विपाक: मधुर

आयुर्वेदिक लाभ

  1. पित्त और वात का शमन – चावल पानी में भिगोने से उसमें शीतलता आती है, जो पित्त को शांत करता है और वात के कारण होने वाले गैस-कब्ज को भी कम करता है।

  2. अग्नि संतुलन – जिनकी पाचन अग्नि कमजोर है, उनके लिए यह भोजन सहायक होता है।

  3. ओज बढ़ाता है – नियमित सेवन से शरीर में ओजस (जीवन शक्ति) बढ़ती है।

  4. तृष्णा और दाह कम करता है – गर्मियों में शरीर की जलन, एसिडिटी और डिहाइड्रेशन से बचाता है।

आयुर्वेदाचार्यों ने कहा है:
"शीतलं गुरुरन्नं तु पथ्यं बल्यं सुखावहम्।"
अर्थात – शीतल और गुरु भोजन शरीर के लिए बलदायक और सुखद होता है।

आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से

जब चावल को रातभर पानी में रखा जाता है, तो उसमें फर्मेंटेशन (किण्वन) की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (Lactobacillus) उत्पन्न होते हैं। ये बैक्टीरिया आंतों में पहुँचकर गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं।

इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व

प्रोबायोटिक्स – पाचन के लिए उपयोगी

विटामिन B कॉम्प्लेक्स (B12 सहित)

आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस

एंटीऑक्सीडेंट्स

बासी चावल खाने के प्रमुख फायदे

1. पाचन शक्ति में सुधार

इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों की सूक्ष्मजीव संतुलन को ठीक करते हैं।

कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

2. शरीर को ठंडक देना

इसका शीतल गुण शरीर की गर्मी कम करता है।

गर्मी में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और जलन जैसी समस्याओं से बचाता है।

3. ऊर्जा का अच्छा स्रोत

चावल के कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं।

खेतों और मजदूरी करने वाले लोग इसे खाकर दिनभर काम कर सकते हैं।

4. हड्डियों और दाँतों को मज़बूत करना

इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों व दाँतों को मजबूती देते हैं।

5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

नियमित सेवन से इम्युनिटी बेहतर होती है।

मौसमी बीमारियों से शरीर को बचाता है।

6. मधुमेह और मोटापा नियंत्रण

इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स सामान्य चावल से कम हो जाता है।

यह धीरे-धीरे पचता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है।

7. मानसिक शांति और नींद में सहायक

शरीर की गर्मी कम करके मन को शांत करता है।

नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

सेवन करने का तरीका

  1. चावल पकाकर ठंडा कर लें।

  2. मिट्टी/स्टील के बर्तन में इसे पानी डालकर ढक दें।

  3. रातभर ऐसे ही रखें।

  4. सुबह इसमें थोड़ा नमक, प्याज, दही या हरी मिर्च मिलाकर खाएँ।

  5. इसे दाल, सब्ज़ी या अचार के साथ भी लिया जा सकता है।


FAQ 

Q1. क्या बासी चावल खाना सुरक्षित है?
👉 हाँ, यदि इसे 12-24 घंटे तक साफ पानी और ढके बर्तन में रखा गया हो।

Q2. बासी चावल किस मौसम में ज्यादा लाभकारी है?
👉 गर्मियों में, क्योंकि यह शरीर को ठंडक और ऊर्जा देता है।

Q3. क्या बासी चावल सभी लोग खा सकते हैं?
👉 सामान्य लोग खा सकते हैं, लेकिन जिन्हें सर्दी-जुकाम या शीत प्रकृति की समस्या हो, उन्हें सीमित मात्रा में लेना चाहिए।

Q4. क्या बासी चावल वजन कम करने में मदद करता है?
👉 हाँ, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने से यह धीरे-धीरे पचता है और भूख नियंत्रण में मदद करता है।

Q5. बासी चावल का पानी (Torani) पीने के क्या फायदे हैं?
👉 यह पाचन को सुधारता है, शरीर की गर्मी कम करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।

सावधानियाँ

इसे 24 घंटे से अधिक न रखें, वरना हानिकारक बैक्टीरिया विकसित हो सकते हैं।

जिनको सर्दी-जुकाम, दमा या शीत प्रकृति की समस्या हो, वे इसका सीमित सेवन करें।

हमेशा साफ पानी और ढके बर्तन का उपयोग करें।

बासी चावल केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इसकी उपयोगिता को मानते हैं। यह पाचन को दुरुस्त करता है, शरीर को ठंडक पहुँचाता है, हड्डियों को मज़बूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। गर्मी के मौसम में इसे प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवा मान सकते हैं।

⚠️ Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी पारंपरिक आयुर्वेदिक मान्यताओं, प्राचीन ग्रंथों और आधुनिक शोध पर आधारित है। यह केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है।
इसे किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) के रूप में न लें।
यदि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है या किसी विशेष रोग का इलाज चल रहा है, तो कृपया इस भोजन को अपने आहार में शामिल करने से पहले योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

Keywords: बासी चावल खाने के फायदे,पखाल भात के लाभ,फेणी भात खाने से क्या होता है,पेज भात के फायदे,बासी भात के आयुर्वेदिक फायदे,fermented rice in hindi,बासी चावल से शरीर को क्या फायदा होता है,natural probiotic food in hindi,बासी चावल खाने का सही तरीका


कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.