आज का पंचांग। Aaj ka panchang। आज का मुहूर्त क्या है
25 अप्रैल 2025 आज का पंचांग। Aaj ka panchang। आज का मुहूर्त क्या है
यहाँ 25 अप्रैल 2025 के लिए विस्तृत पंचांग प्रस्तुत किया गया है:
पंचांग विवरण (25 अप्रैल 2025)
व्रत और त्यौहार
विशेष जानकारी
शुभ समय
अशुभ समय
पंचांग विवरण (23 अप्रैल 2025)
व्रत और त्यौहार
शुभ मुहूर्त
अशुभ मुहूर्त
• राहुकाल दोपहर 12:37 बजे से दोपहर 2:13 बजे तक• यमगंडा सुबह 7:48 बजे से सुबह 9:24 बजे तक
• गुलिक काल सुबह 11:01 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
• दुर्मुहूर्त रात 11:53 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक
• वर्ज्यम शाम 6:56 बजे से रात 8:27 बजे तक
पंचांग विवरण (22 अप्रैल 2025)
व्रत/त्यौहार
शुभ मुहूर्त
अशुभ समय
पंचांग विवरण (21 अप्रैल 2025)
• हिंदू महीना: वैशाख महीना (पूर्णिमांत प्रणाली) / चैत्र (अमांत प्रणाली)
• पक्ष : कृष्ण पक्ष
• तिथि: अष्टमी - रात 9:09 बजे तक, उसके बाद नवमी
• नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा - दोपहर 1:48 बजे तक, फिर श्रवण नक्षत्र
• योग: साध्य- दोपहर 1:38 बजे तक, फिर शुभ
• करण: बालव - रात्रि 9:09 तक, तत्पश्चात कौलव
• सूर्य स्थिति: मेष
• चंद्रमा स्थिति: मकर राशि में गोचर
• ऋतु: वसंत
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
• सूर्योदय: प्रातः 6:05 बजे
• सूर्यास्त: शाम 6:46 बजे
चंद्रमा का विवरण
• चंद्रोदय: दोपहर 1:13 बजे (22 अप्रैल)
• चन्द्रास्त: दोपहर दोपहर 1:15 बजे (21 अप्रैल)
व्रत और त्यौहार
• कालाष्टमी व्रत (महाकाष्टमी) - भगवान कालभैरव की पूजा का दिन• गौरी व्रत (यदि दक्षिण भारत के अनुसार)
• शुभ दिन: धार्मिक अनुष्ठान, तांत्रिक साधना, कालभैरव पूजा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त
शुभ मुहूर्त
• ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:19 बजे से प्रातः 5:08 बजे तक• अभिजीत मुहूर्त: रात्रि 11:42 बजे से 12:32 बजे तक
• अमृत काल: सुबह 6:54 से 8:35 तक
• सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 1:48 बजे से अगले दिन सूर्योदय तक
• रवि योग: इस दिन उपलब्ध नहीं है
अशुभ समय (दोष काल)
• राहु काल: प्रातः 7:38 से प्रातः 9:12 तक• यमगंडा: 10:45 से दोपहर 12:19 बजे
• गुलिक काल: दोपहर 1:52 से 3:26 बजे तक
• दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:32 से 1:23 बजे तक
• वर्ज्यम: दोपहर 3:50 बजे से शाम 5:29 बजे तक
*****
पंचांग विवरण
• विक्रम संवत: 2082 (कालायुक्त)
• शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
• मास: पूर्णिमांत-वैशाख/अमांत-चैत्र
• पक्ष : कृष्ण पक्ष
• तिथि: सप्तमी - शाम 7:01 बजे तक, फिर अष्टमी
• नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा - सुबह 11:48 बजे तक, फिर उत्तराषाढ़ा
• योग: सिद्ध- दोपहर 12:12 बजे तक, फिर साध
• करण: बव - सायं 7:01 तक, तत्पश्चात बल
• सूर्य राशि: मेष (मेष)
• चंद्र राशि: धनु - शाम 6:04 बजे तक, फिर मकर (मकर)
• ऋतु: वसंत
सूर्योदय और सूर्यास्त
• सूर्योदय: सुबह 6:06 बजे
• सूर्यास्त: शाम 6:45 बजे
चंद्रमा
• चंद्रोदय: दोपहर 12:40 बजे (21 अप्रैल)
• चंद्रास्त: दोपहर 12:16 बजे (21 अप्रैल)
व्रत और त्यौहार
• ईस्टर ईसाई धर्म का प्रमुख त्यौहार है, जो प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की याद में मनाया जाता है।शुभ समय
• ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 बजे से सुबह 5:08 बजे तक• अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक
• अमृत काल सुबह 6:43 बजे से सुबह 8:24 बजे तक
• सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:48 बजे से अगले दिन सुबह 5:56 बजे तक
• त्रिपुष्कर योग सुबह 11:48 बजे से शाम 7:01 बजे तक
अशुभ समय
• शाम 4:45 बजे से शाम 7:01 बजे तक राहु काल शाम 6:18 बजे• यमगण्ड काल दोपहर 12:07 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
• गुलिक काल दोपहर 3:13 बजे से शाम 4:45 बजे तक
• दुर्मुहूर्त शाम 4:39 बजे से शाम 5:29 बजे तक
• वर्ज्यम रात्रि 8:04 बजे से रात 9:43 बजे तक
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पंचांग विवरण
व्रत और त्यौहार
शुभ समय
अशुभ समय
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18 अप्रैल 2025 पंचांग विवरण
पंचांग विवरण
व्रत और त्यौहार
शुभ मुहूर्त
अशुभ मुहूर्त
17 अप्रैल 2025 पंचांग विवरण
पंचांग विवरण
· दिन:गुरुवार
· विक्रम संवत:2082
· शक संवत:1947
· मास:वैशाख (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)
· पक्ष:कृष्ण
· तिथि:चतुर्थी – दोपहर 12:00 बजे तक, उसके बाद पंचमी
करण: बव
· नक्षत्र:ज्येष्ठ
· योग:वरियान – रात्रि 12:50 बजे तक, उसके बाद परिघ
· सूर्य राशि:मे
· चंद्र राशि:वृश्चिक
· ऋतु:वसंत
सूर्योदय और सूर्यास्त
· सूर्योदय: प्रातः 6:16 बजे
· सूर्यास्त:सायं 7:00 बजे
· चंद्रोदय:रात्रि 10:59 बजे
· चंद्रास्त: अगले दिन प्रातः 8:45 बजे
· चंद्र राशि: वृश्चिक
व्रत एवं पर्व
· संकष्टी चतुर्थी व्रत चतुर्थी तिथि के उपलक्ष्य में संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जायगा।
शुभ समय
· अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से 1:03 बजे तक
· ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:33 बजे से 5:21 बजे तक
अशुभ समय
· राहुकाल दोपहर 2:13 बजे से 3:49 बजे तक
· यमगंड काल प्रातः 6:16 बजे से 7:51 बजे तक
· गुलिक काल प्रातः 9:27 बजे से 11:02 बजे तक
व्रत और त्योहार
शुभ समय
अशुभ समय
दिनांक: 15 अप्रैल 2025 (मंगलवार)
• शक संवत्:1947 (विश्वावसु
• महीना: वैशाख (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)।
• पक्ष: कृष्ण पक्ष
• तिथि: द्वितीया - प्रातः 10:55 तक, तत्पश्चात तृतीया
• नक्षत्र: विशाखा - दोपहर 3:10 बजे तक, उसके बाद अनुराधा
• योग: सिद्धि- रात्रि 11:33 तक, तत्पश्चात् व्यतिपा
• करण:गर- प्रातः 10:55 तक, तत्पश्चात वाणी
• सूर्य राशि: मैं
• चंद्र राशि: तुला - रात्रि 8:27 तक, तत्पश्चात् वृश्चिक
• सूर्योदय: प्रातः 5:56 बजे
• सूर्यास्त: शाम 6:47 बजे • चंद्रोदय: रात्रि 8:56 बजे • चंद्रास्त: अगले दिन प्रातः 7:49 बजे
व्रत एवं त्यौहार
यह त्यौहार मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है तथा पारंपरिक तिरहुता कैलेंडर के अनुसार 15 अप्रैल को मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त
• अमृत काल शाम 5:16 बजे से शाम 7:04 बजे तक
• ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:33 बजे से सुबह 5:21 बजे तक
अशुभ मुहूर्त
• यमगंडा काल सुबह 9:18 बजे से सुबह 10:52 बजे तक
• गुलिक काल दोपहर 12:26 बजे से दोपहर 2:01 बजे तक
• दुर्मुहूर्त प्रातः 8:40 से 9:30 तक, रात्रि 11:17 से 12:03 तक
• वर्ज्यं प्रातः 6:30 से 8:18 तक
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दिनांक: 14 अप्रैल 2025 सोमवार
· विक्रम संवत: 2082 कल्युतक
· शक संवत: 1947 विश्वावसु
· महीना: वैशाख (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)
· पक्ष: कृष्ण
· तिथि: प्रतिपदा - प्रातः 8:25 तक, उसके बाद द्वितीया
· नक्षत्र: स्वाति - दोपहर 12:13 बजे तक, फिर विशाखा
· योग: वज्र - रात्रि 10:39 बजे तक, फिर सिद्ध
· करण: कौलव - प्रातः 10:55 तक, तत्पश्चात तैतिल
· सूर्य राशि: मीन
· चंद्र राशि: तुला
· सूर्योदय: प्रातः 5:57 बजे
· सूर्यास्त: शाम 6:46 बजे
· चंद्र गति: तुला
व्रत और त्यौहार
· अम्बेडकर जयंती डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती.
· बैसाखी फसल उत्सव, विशेष रूप से पंजाब में मनाया जाता है।
· मेष संक्रांति से सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है।
· पुथंडु तमिल नव वर्ष।
· विशु कानि केरल नव वर्ष।
शुभ समय
· अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:02 बजे से 12:52 बजे तक
· शुभ चौघड़िया सुबह 9:11 से दोपहर 12:21 तक, दोपहर 1:56 से 3:32 बजे तक
अशुभ समय
· राहुकाल प्रातः 7:33 से प्रातः 9:09 तक
· यमगंडा काल प्रातः 10:43 से 12:19 तक
· गुलिक काल रात्रि 1:54 से प्रातः 3:30 तक
· दुर्मुहूर्त प्रातः 8:25 से प्रातः 9:15 तक
· वर्ज्यम प्रातः 3:28 से प्रातः 5:16 तक
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यहाँ 13अप्रैल 2025, शनिवार का विस्तृत पंचांग प्रस्तुत है:
दिनांक: 13 अप्रैल 2025 रविवार
• विक्रम संवत: 2082
• शक संवत: 1947
• महीना: वैशाख (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)।
• पक्ष : कृष्ण
• तिथि: प्रतिपदा पूर्णिमा समाप्ति: सुबह 5:52 बजे तक
• नक्षत्र: चित्रा रात्रि 9:10 बजे तक), उसके बाद स्वात
• योग: हर्षण (रात 9:39 बजे तक), उसके बाद वज
• करण: बालव (शाम 7:08 बजे तक), इसके बाद कौल
• सूर्य राशि: मीन (मेष संक्रांति: 14 अप्रैल को)।
• चंद्र राशि: तुला (सुबह 7:39 बजे से)।
• सूर्योदय: प्रातः 6:11 बजे
• सूर्यास्त: शाम 6:43 बजे
• चंद्रमा का उदय: शाम 7:10 बजे
• चंद्र अस्त: अगले दिन सुबह 6:36 बजे
व्रत और त्यौहार
• सूर्य देव को समर्पित रविवार का व्रत
• मेष संक्रांति सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, जो 14 अप्रैल को है
• खरमास का अंत, लामाओं का अंत, शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत
शुभ मुहूर्त
• दोपहर 12:02 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक अभिजीत मुहूर्त
• दोपहर 2:08 बजे से दोपहर 3:57 बजे तक अमृत काल
• सुबह 4:34 बजे से सुबह 5:22 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त
अशुभ मुहूर्त
• शाम 5:09 बजे से शाम 6:42 बजे तक राहु काल
• दोपहर 12:27 बजे से दोपहर 2:01 बजे तक यमगंडा काल
• दोपहर 3:35 बजे से शाम 5:09 बजे तक गुलिक काल
• दुर्मुहूर्त शाम 5:02 बजे से शाम 5:52 बजे तक
• वर्जयाम सुबह 3:28 बजे से सुबह 5:16 बजे तक
कृपया ध्यान दें कि पंचांग विवरण स्थान और समय के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से परामर्श करना उचित है।
आपका दिन शुभ हो!
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दिनांक:
12 अप्रैल 2025, शनिवार
विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1947, विश्वावसु
माह:
चैत्र (पूर्णिमांत एवं अमांत दोनों के अनुसार)
पक्ष:
शुक्ल पक्ष
तिथि:
पूर्णिमा – प्रातः 5:52 बजे तक, उसके बाद प्रतिपदा
नक्षत्र:
हस्त – सायं 6:07 बजे तक, उसके बाद चित्रा
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
योग:
व्याघात – रात्रि 8:40 बजे तक, उसके बाद हर्षण
करण:
विष्टि (भद्र) – अपराह्न 4:36 बजे तक, उसके बाद बव
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:12 बजे
सूर्यास्त
का समय: सायं 6:42 बजे
चंद्रमा किस राशि में संचार करेगा: कन्या राशि में
व्रत एवं पर्व:
·
हनुमान
जयंती:
आज के दिन भगवान
हनुमान का जन्मोत्सव मनाया
जाता है। भक्त इस दिन व्रत
रखते हैं और हनुमान चालीसा
का पाठ करते हैं।
·
सत्य
व्रत
(सत्यनारायण
व्रत):
पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण
भगवान की पूजा का
विशेष महत्व है।
शुभ मुहूर्त:
·
अभिजीत
मुहूर्त:
दोपहर 12:02 बजे से 12:52 बजे तक। यह समय शुभ
कार्यों के लिए उत्तम
माना जाता है।
·
अमृत
काल:
प्रातः 11:23 बजे से दोपहर 1:11 बजे
तक।
अशुभ समय:
·
राहु
काल:
प्रातः 9:20 बजे से 10:53 बजे तक। इस अवधि में
महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित
होता है।
·
यमगंड
काल:
अपराह्न 2:01 बजे से 3:35 बजे तक।
·
गुलिक
काल:
प्रातः 6:12 बजे से 7:46 बजे तक।
·
दुर्मुहूर्त:
प्रातः 7:52 बजे से 8:42 बजे तक।
कृपया ध्यान दें कि पंचांग विवरण
स्थान और समय के
अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्थानीय
पंचांग या ज्योतिषी से
परामर्श करना उचित होगा।
आपका दिन शुभ हो!
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दिनांक: 11 अप्रैल 2025, शुक्रवार
विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1947, विश्वावसु
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: चतुर्दशी – रात्रि 3:21 बजे तक, उपरांत पूर्णिमा
नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी – अपराह्न 3:10 बजे तक, उपरांत हस्त
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
योग: ध्रुव – रात्रि 7:45 बजे तक, उसके बाद व्याघात
करण: गर – दोपहर 2:10 बजे तक, बाद वणिज
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:00 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:45 बजे
चंद्रमा किस राशि में संचार करेगा: कन्या राशि में
व्रत एवं पर्व:
· गुड फ्राइडे: ईसाई समुदाय का महत्वपूर्ण पर्व।
शुभ मुहूर्त:
· अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 बजे से 12:48 बजे तक। यह समय शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
· सगाई के लिए शुभ मुहूर्त: दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी
अशुभ समय:
· राहु काल: प्रातः 10:54 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है
· गुलिक काल: प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक
· यमगंड काल: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
· दुर्मुहूर्त: प्रातः 8:30 बजे से 9:15 बजे तक और अपराह्न 12:45 बजे से 1:30 बजे तक
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दिनांक: 10 अप्रैल 2025, गुरुवार
विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1947, विश्वावसु
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / चैत्र (अमांत)
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: त्रयोदशी – रात्रि 1:00 बजे तक, उपरांत चतुर्दशी
नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी – दोपहर 12:24 बजे तक, उपरांत उत्तर फाल्गुनी
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
योग: वृद्धि – सायं 6:58 बजे तक, उसके बाद ध्रुव
करण: कौलव – प्रातः 11:56 बजे तक, बाद तैतिल
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:14 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:41 बजे
चंद्रमा किस राशि में संचार करेगा: सिंह राशि में सायं 7:04 बजे तक, उपरांत कन्या राशि में प्रवेश करेगा
व्रत एवं पर्व:
प्रदोष व्रत: आज के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है
महावीर जयंती: भगवान महावीर स्वामी की जयंती आज मनाई जाती है
गुरुवार व्रत: भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित व्रत।
शुभ मुहूर्त:
· अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:57 बजे से 12:48 बजे तक
· रवि योग: पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में रवि योग बनता है, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है
अशुभ समय:
· राहु काल: दोपहर 2:01 बजे से 3:35 बजे तक इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है
· गुलिक काल: प्रातः 9:24 बजे से 10:58 बजे तक
· यमगंड काल: प्रातः 6:50 बजे से 8:24 बजे तक
दुर्मुहूर्त: प्रातः 10:58 बजे से 11:49 बजे तक और अपराह्न 3:23 बजे से 4:14 बजे तक
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दिनांक: बुधवार, 9 अप्रैल 2025
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
मास: चैत्र मास (पूर्णिमांत एवं अमांत दोनों के अनुसार)
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: द्वादशी – रात 10:55 बजे तक, इसके बाद त्रयोदशी
नक्षत्र: मघा – सुबह 9:57 बजे तक, फिर पूर्वा फाल्गुनी
योग: गण्ड – शाम 6:26 बजे तक, फिर वृद्धि योग
करण: बव – दोपहर 11:43 बजे तक, फिर बालव
वार: बुधवार
सूर्य और चंद्र ग्रह स्थिति:
सूर्य राशि में: मीन राशि
चंद्रमा का गोचर: सिंह राशि में
सूर्योदय और सूर्यास्त:
सूर्योदय: प्रातः 6:02 बजे
सूर्यास्त: सायं 6:44 बजे
व्रत एवं पर्व:
कोई विशेष व्रत या पर्व नहीं
सामान्य रूप से यह दिन पूजा-पाठ, लक्ष्मी नारायण की उपासना व व्यापारिक कार्यों के लिए अनुकूल है।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat):
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 से 12:48 बजे तक
चौघड़िया मुहूर्त (प्रातः):
लाभ: 06:02 – 07:37 बजे
अमृत: 07:37 – 09:12 बजे
शुभ: 12:23 – 01:58 बजे
अशुभ समय (Ashubh Samay):
राहुकाल: 12:23 – 01:58 बजे (इस समय कोई शुभ कार्य ना करें)
गुलिक काल: 10:48 – 12:23 बजे
यमगंड: 07:37 – 09:12 बजे
दुर्मुहूर्त:
11:02 – 11:53 बजे
02:32 – 03:23 बजे
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दिनांक: 8 अप्रैल 2025, मंगलवार
दिनांक: 7 अप्रैल 2025, सोमवार
व्रत एवं पर्व:
शुभ मुहूर्त:
अशुभ समय:
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
माह: चैत्र
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: नवमी
सूर्योदय : प्रातः 6:26 बजे
सूर्यास्त : सायं 6:56 बजे
नक्षत्र: पुष्य
सूर्य : मीन राशि में
चंद्रमा : कर्क राशि मे
योग: सुकर्मा
करण: कौलव
व्रत एवं पर्व:
राम नवमी: भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और श्रीराम की पूजा-अर्चना करते हैं।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:17 बजे से 1:05 बजे तक। यह समय शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
अशुभ समय:
राहु काल: सायं 5:22 बजे से 6:56 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है।
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दिनांक: 5 अप्रैल 2025, शनिवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
माह: चैत्र
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: अष्टमी
नक्षत्र: आर्द्रा
सूर्योदय समय: प्रातः 6:00 बजे
सूर्यास्त समय: सायं 6:30 बजे
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
चंद्रमा : मिथुन राशि में
योग: शोभन
करण: गर
व्रत एवं पर्व:
चैत्र नवरात्रि अष्टमी (दुर्गाष्टमी): यह दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और कन्या पूजन करते हैं।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक। यह समय शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
अशुभ समय:
राहु काल: सुबह 9:15 बजे से 10:50 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है।
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विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
माह: चैत्र
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: सप्तमी
नक्षत्र: आर्द्रा
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
योग: शोभन
करण: गर
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:00 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:30 बजे
चंद्रमा किस राशि में संचार करेगा: मिथुन राशि में
व्रत एवं पर्व:
· गंगा सप्तमी: यह पर्व गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है।
· वैशाख स्नान प्रारंभ: यह स्नान पवित्र माना जाता है और इसे करने से आध्यात्मिक लाभ होता है।
शुभ मुहूर्त:
· अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक। यह समय शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
· रवि योग: प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:30 बजे तक। यह योग सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
अशुभ समय:
· राहु काल: दोपहर 10:30 बजे से 12:00 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है।
· यमगण्ड काल: प्रातः 3:00 बजे से 4:30 बजे तक।
· गुलिक काल: प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक।
कृपया ध्यान दें कि पंचांग विवरण स्थान और समय के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से परामर्श करना उचित होगा।
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दिनांक: 3 अप्रैल 2025, गुरुवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
माह: चैत्र
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: षष्ठी
नक्षत्र: मृगशिरा
सूर्य किस राशि में: मीन राशि में
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:00 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:30 बजे
चंद्रमा किस राशि में संचार करेगा: वृषभ राशि से मिथुन राशि में शाम 6:22 बजे प्रवेश करेगा
योग: सौभाग्य
करण: तैतिल
व्रत एवं पर्व:
यमुना छठ: यह व्रत यमुना नदी की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है।
रोहिणी व्रत: यह व्रत विशेष रूप से रोहिणी नक्षत्र में किया जाता है, जो समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक।
रवि योग: प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:30 बजे तक।
यह योग सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
अशुभ समय:
राहु काल: दोपहर 1:58 बजे से 3:32 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है।
यमगण्ड काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
गुलिक काल: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
************
दिनांक: 2 अप्रैल 2025, बुधवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
चंद्र मास: चैत्र
सूर्योदय: प्रातः 6:00 बजे
सूर्यास्त: सायं 6:30 बजे
चंद्रमा की स्थिति: वृषभ राशि में
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: पंचमी
नक्षत्र: रोहिणी
सूर्य की स्थिति: मीन राशि में
योग: आयुष्मान
करण: कौलव
व्रत एवं पर्व:
लक्ष्मी पंचमी: यह व्रत धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी को समर्पित है। इस दिन व्रत रखकर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
बुधवार व्रत: बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: आज अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
रवि योग: प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:30 बजे तक। यह योग सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।✳
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:30 बजे तक। यह योग भी सभी कार्यों के लिए शुभ होता है।
अशुभ समय:
राहु काल: दोपहर 12:25 बजे से 1:58 बजे तक। इस अवधि में महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होता है।
यमगण्ड काल: प्रातः 8:00 बजे से 9:30 बजे तक।
गुलिक काल: प्रातः 10:30 बजे से 12:00 बजे तक
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दिनांक: 31 मार्च 2025, सोमवार
विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1947, विश्वावसु
चंद्र मास: पूर्णिमांत - चैत्र; अमांत - चैत्र
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि:
• द्वितीया: प्रातः 9:11 बजे तक
• तृतीया: प्रातः 5:42 बजे (1 अप्रैल) तक
नक्षत्र:
• अश्विनी: दोपहर 1:45 बजे तक
• भरणी: उपरांत
सूर्य की स्थिति: मीन राशि में
योग:
• वैधृति: दोपहर 1:45 बजे तक
• विष्कुम्भ: उपरांत
करण:
कौलव: प्रातः 9:11 बजे तक
तैतिल: सायं 7:25 बजे तक
गर: प्रातः 5:42 बजे (1 अप्रैल) तक
सूर्योदय: प्रातः 6:23 बजे
सूर्यास्त: सायं 6:38 बजे
चंद्रमा की स्थिति: मेष राशि में
व्रत एवं पर्व:
गौरी पूजा (गणगौर पूजा)
मत्स्य जयंती
सोमवार व्रत
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से 12:55 बजे तक
अमृत काल: प्रातः 7:24 बजे से 8:48 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:46 बजे से 5:34 बजे तक
अशुभ समय:
राहु काल: प्रातः 7:55 बजे से 9:27 बजे तक
यमगण्ड काल: प्रातः 10:59 बजे से 12:31 बजे तक
गुलिक काल: दोपहर 2:02 बजे से 3:34 बजे तक
दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:55 बजे से 1:44 बजे तक एवं 3:22 बजे से 4:11 बजे तक
गण्डमूल नक्षत्र: अश्विनी नक्षत्र दोपहर 1:45 बजे तक
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दिनांक: 30 मार्च 2025, रविवार
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / फाल्गुन (अमांत)
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: प्रतिपदा – दोपहर 12:49 बजे तक, उपरांत द्वितीया
नक्षत्र: रेवती – सायं 4:35 बजे तक, उपरांत अश्विनी
सूर्य की राशि: मीन
योग:
इन्द्र – सायं 5:54 बजे तक
वैधृति – इसके बाद
करण:
बव – दोपहर 12:49 बजे तक
बालव – इसके बाद
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:13 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:38 बजे
चंद्रमा का संचार:
मीन राशि में – सायं 4:35 बजे तक
मेष राशि में – इसके बाद
व्रत एवं त्योहार:
चैत्र नवरात्रि आरंभ
गुड़ी पड़वा (हिंदू नववर्ष)
झूलेलाल जयंती
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक
अमृत काल: प्रातः 6:40 से 8:05 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सायं 4:35 बजे तक
रवि योग: सायं 4:35 बजे तक
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: सायं 5:05 से 6:38 बजे तक
यमगंड: दोपहर 12:50 से 2:22 बजे तक
गुलिक काल: अपराह्न 3:34 से 5:05 बजे तक
दुर्मुहूर्त: प्रातः 4:48 से 5:36 बजे तक
वर्ज्य काल: प्रातः 6:40 से 8:05 बजे तक
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यहाँ 29 मार्च 2025 के पंचांग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है:
दिनांक: 29 मार्च 2025, शनिवार
आंशिक सूर्य ग्रहण (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे से सायं 6:14 बजे तक)
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / फाल्गुन (अमांत)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: अमावस्या – सायं 4:27 बजे तक, उपरांत प्रतिपदा
नक्षत्र: उत्तरभाद्रपदा – सायं 7:26 बजे तक, उपरांत रेवती
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:25 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:37 बजे
सूर्य की राशि: मीन
चंद्रमा का संचार: मीन राशि में
योग:
ब्रह्म – रात्रि 10:03 बजे तक
इन्द्र – इसके बाद
करण:
नाग – प्रातः 6:13 बजे से सायं 4:27 बजे तक
किस्तुघन – सायं 4:27 बजे से रात्रि 2:39 बजे तक (अगले दिन)
बव – इसके बाद
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:07 बजे से 12:55 बजे तक
अमृत काल: दोपहर 3:10 बजे से 4:35 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:48 बजे से 5:36 बजे तक
व्रत एवं त्योहार:
चैत्र अमावस्या
शनैश्चरी अमावस्या
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: प्रातः 9:28 बजे से 11:00 बजे तक
यमगंड: दोपहर 2:03 बजे से 3:34 बजे तक
गुलिक काल: प्रातः 6:25 बजे से 7:57 बजे तक
दुर्मुहूर्त: प्रातः 8:03 बजे से 8:52 बजे तक
वर्ज्य काल: प्रातः 6:40 बजे से 8:05 बजे तक
*******
दिनांक: 28 मार्च 2025, शुक्रवार
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / फाल्गुन (अमांत)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: चतुर्दशी – 28 मार्च को शाम 7:55 बजे तक, इसके बाद अमावस्या प्रारंभ होगी।
नक्षत्र: पूर्वभाद्रपदा – 28 मार्च को रात 10:09 बजे तक, तत्पश्चात उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र प्रारंभ होगा।
सूर्योदय का समय: सुबह 6:16 बजे
सूर्यास्त का समय: शाम 6:37 बजे
सूर्य की स्थिति: मीन राशि में
योग: शुक्ल – 28 मार्च को सुबह 5:56 बजे से 29 मार्च को सुबह 2:06 बजे तक।
करण: शकुनि – 28 मार्च को शाम 7:55 बजे तक, इसके बाद चतुष्पद करण प्रारंभ होगा।
चंद्रमा की स्थिति: कुंभ राशि में शाम 4:48 बजे तक, तत्पश्चात मीन राशि में प्रवेश करेगा।
व्रत एवं पर्व:
चतुर्दशी तिथि के उपलक्ष्य में शिव पूजा का विशेष महत्व है।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:07 बजे से 12:56 बजे तक।
अमृत काल: दोपहर 2:56 बजे से शाम 4:23 बजे तक।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:49 बजे से 5:37 बजे तक।
अशुभ समय:
राहुकाल: सुबह 11:00 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक।
यमगंड काल: दोपहर 3:34 बजे से शाम 5:05 बजे तक।
गुलिक काल: सुबह 8:29 बजे से 10:00 बजे तक।
व्रत एवं पर्व:
चतुर्दशी तिथि के उपलक्ष्य में शिव पूजा का विशेष महत्व है।
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यहाँ 27 मार्च 2025 के पंचांग की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत है:
दिनांक: 27 मार्च 2025, गुरुवार
माह: चैत्र (पूर्णिमांत) / फाल्गुन (अमांत)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: त्रयोदशी – 27 मार्च को रात 11:03 बजे तक, इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ होगी।
नक्षत्र: शतभिषा – 27 मार्च को रात 12:34 बजे तक, तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद नक्षत्र प्रारंभ होगा।
सूर्य की स्थिति: मीन राशि में
सूर्योदय का समय: सुबह 6:27 बजे
सूर्यास्त का समय: शाम 6:36 बजे
चंद्रमा की स्थिति: कुंभ राशि में
योग: साध्य – सुबह 9:25 बजे तक, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ होगा।
करण: वणिज – दोपहर 12:39 बजे तक, इसके बाद विष्टि (भद्रा) करण प्रारंभ होगा।
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:07 बजे से 12:56 बजे तक
अमृत काल: शाम 6:14 बजे से 7:43 बजे तक
व्रत एवं पर्व:
प्रदोष व्रत: आज त्रयोदशी तिथि के अवसर पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
मास शिवरात्रि व्रत: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत भी मनाया जाता है।
अशुभ समय:
राहुकाल: दोपहर 2:03 बजे से 3:34 बजे तक
यमगंड काल: सुबह 6:27 बजे से 7:58 बजे तक
गुलिक काल: सुबह 9:29 बजे से 11:01 बजे तक
दुर्मुहूर्त: सुबह 10:30 बजे से 11:19 बजे तक, और दोपहर 3:22 बजे से 4:10 बजे तक
******
दिनांक:26
मार्च 2025, बुधवार
माह:
चैत्र मास (कृष्ण पक्ष)
पक्ष:
कृष्ण पक्ष
तिथि:द्वादशी तिथि – 26 मार्च को प्रातः 3:45 बजे
से 27 मार्च को प्रातः 1:43 बजे
तक
नक्षत्र:धनिष्ठा नक्षत्र – 26 मार्च को प्रातः 2:29 बजे
तक, उसके बाद शतभिषा नक्षत्र
सूर्य
की स्थिति: सूर्य मीन राशि में स्थित रहेगा।
सूर्योदय
का समय: प्रातः 6:18 बजे
सूर्यास्त
का समय:सायं 6:36 बजे
चंद्रमा
की स्थिति: चंद्रमा मकर राशि में दोपहर 3:14 बजे तक रहेगा, उसके
बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेगा।
योग:
- सिद्ध
योग – 26 मार्च को दोपहर 12:25 बजे
तक
- साध्य
योग – 26 मार्च को दोपहर 12:25 बजे
के बाद
करण:
- कौलव
करण – 26 मार्च को दोपहर 2:49 बजे
तक
- तैतिल
करण – 26 मार्च को दोपहर 2:49 बजे
से 27 मार्च को प्रातः 1:43 बजे
तक
व्रत
एवं त्योहार: आज द्वादशी तिथि
है, जो भगवान विष्णु
की पूजा के लिए शुभ
मानी जाती है।
शुभ
समय (मुहूर्त):
- ब्रह्म
मुहूर्त:प्रातः 4:32 बजे से 5:19 बजे तक✳
- अभिजीत
मुहूर्त:दोपहर 11:48 बजे से 12:37 बजे तक
- विजय
मुहूर्त:दोपहर 2:15 बजे से 3:04 बजे तक
- गोधूलि
मुहूर्त: सायं 6:18 बजे से 6:42 बजे तक
- अमृत
काल: रात्रि 10:00 बजे से 11:37 बजे तक
अशुभ
समय (दुर्मुहूर्त):
- राहुकाल:
अपराह्न 12:27 बजे से 1:59 बजे तक
- यमगण्ड:
प्रातः 8:00 बजे से 9:32 बजे तक
- गुलिक
काल: प्रातः 10:45 बजे से 12:17 बजे तक
- दुष्टमुहूर्त:दोपहर 12:57 बजे से 1:45 बजे तक एवं अपराह्न
3:22 बजे से 4:10 बजे तक
कृपया
ध्यान दें कि पंचांग की
जानकारी स्थान और समय के
अनुसार बदल सकती है। सटीक जानकारी के लिए स्थानीय
पंचांग या ज्योतिषी से
परामर्श करना उचित होगा।
*******
दिनांक: 25 मार्च 2025, मंगलवार
माह: चैत्र मास (कृष्ण पक्ष)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: एकादशी तिथि – 25 मार्च को प्रातः 5:05 बजे से 26 मार्च को प्रातः 3:45 बजे तक
नक्षत्र: श्रवण नक्षत्र – 25 मार्च को प्रातः 4:26 बजे से 26 मार्च को प्रातः 3:49 बजे तक
सूर्य की स्थिति: सूर्य मीन राशि में स्थित रहेगा।
योग:
शिव योग – 25 मार्च को दोपहर 2:53 बजे तक
सिद्ध योग – 25 मार्च को दोपहर 2:53 बजे के बाद
करण:
बव करण – 25 मार्च को प्रातः 5:05 बजे से अपराह्न 4:31 बजे तक
बालव करण – 25 मार्च को अपराह्न 4:31 बजे से 26 मार्च को प्रातः 3:45 बजे तक
सूर्योदय का समय: प्रातः 6:19 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 6:35 बजे
चंद्रमा की स्थिति: चंद्रमा मकर राशि में संचार करेगा।
व्रत एवं त्योहार: आज पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा, जो पापों के नाश के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
शुभ समय (मुहूर्त):
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:32 बजे से 5:19 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 बजे से 12:37 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:15 बजे से 3:04 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: सायं 6:18 बजे से 6:42 बजे तक
अमृत काल: रात्रि 10:00 बजे से 11:37 बजे तक
अशुभ समय (दुर्मुहूर्त):
राहुकाल: लखनऊ में अपराह्न 3:16 बजे से 4:48 बजे तक
यमगण्ड: प्रातः 11:02 बजे से 12:33 बजे तक
गुलिक काल: दोपहर 2:03 बजे से 3:34 बजे तक
दुष्टमुहूर्त: दोपहर 12:57 बजे से 1:45 बजे तक एवं अपराह्न 3:22 बजे से 4:10 बजे तक
कृपया ध्यान दें कि पंचांग की जानकारी स्थान और समय के अनुसार बदल सकती है। सटीक जानकारी के लिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से परामर्श करना उचित होगा।
आपका दिन शुभ हो!
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